Saturday, March 20, 2010

ye ek mahshay ji ki batkahi aur uspe bahut sare comments me se mera comment.....jara dekhen to...

1 comment:

  1. बेहद दिलचस्प!! मिल्स एंड बूंस और उनके टी. दी. एच. (ताल, डार्क, हन्द्सोमे) नायकों की दीवानी लड़कियों (बेशक हम भी शामिल हैं उनमे) पर एक चटपटा और विचारणीय कटाक्ष….और साथ में दादी के लाड, प्यार और युगों युगों से चले आ रहे पक्षपात का भी सटीक चित्रण….लगा जैसे सच में हम भी दादी की चारपाई पर बैठ गएँ हों….बात चाहे कटाक्ष में कही गयी , मजा आ गया….पर एक बात कहूँ…..ताल , डार्क, हन्द्सोमे की परिचाषा सिर्फ इतनी सी ही है…..जिसको दिल चाहे दुनिया में है वो हसीं……
    बधाई आपके इस आलेख पर

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